PAN 2.0 प्रोजेक्ट क्‍या है? 1435 करोड़ होने वाले हैं खर्च, पूरी डिटेल

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने आयकर विभाग के लिए PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट पर 1,435 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रोजेक्ट टैक्सपेयर्स के लिए PAN/TAN सर्वि

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नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने आयकर विभाग के लिए PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट पर 1,435 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रोजेक्ट टैक्सपेयर्स के लिए PAN/TAN सर्विसेज को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया है। इससे टैक्सपेयर्स को बेहतर डिजिटल अनुभव भी मिलेगा। यह मौजूदा PAN/TAN 1.0 सिस्टम का अपग्रेड वर्जन होगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि नया प्रोजेक्‍ट क्यूआर कोड के साथ पैन कार्ड को मुफ्त अपग्रेड करने की सुविधा प्रदान करेगा।
PAN 2.0 प्रोजेक्ट टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विसेज को टेक्नोलॉजी के जरिये बदलने में मदद करेगा। इससे कई फायदे होंगे। जैसे आसान एक्सेस, तेज सर्विस, बेहतर क्वालिटी, सुरक्षित डेटा, पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाएं और कम लागत। यह प्रोजेक्ट डिजिटल इंडिया के विजन के साथ भी मेल खाता है। इसमें PAN को सभी सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम के लिए कॉमन आइडेंटिफायर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

क्‍या होता PAN?

PAN दस अंकों का एक अल्फान्यूमेरिक पहचान पत्र है। इसे इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट लेमिनेटेड कार्ड के रूप में जारी करता है। यह किसी भी 'व्यक्ति' को आवेदन करने पर प्रदान किया जाता है या विभाग की ओर से औपचारिक अनुरोध के बिना सीधे आवंटित किया जाता है।

आयकर विभाग किसी व्यक्ति से जुड़े सभी लेनदेन की निगरानी और कनेक्ट करने के लिए PAN का उपयोग करता है। इसमें टैक्‍स भुगतान, TDS/TCS क्रेडिट, आय रिटर्न, विशिष्ट लेनदेन और आधिकारिक संचार जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल हैं। PAN एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में काम करता है जो किसी व्यक्ति को टैक्‍स विभाग से जोड़ता है।

PAN की शुरुआत ने टैक्‍स भुगतान, आकलन, मांग और बकाया सहित विभिन्न दस्तावेजों और गतिविधियों के संबंध को सुव्यवस्थित किया है। यह फटाफट सूचना पहुंच को सक्षम बनाता है और विभिन्न आंतरिक और बाहरी स्रोतों से जुटाए गए निवेश, कर्ज और व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में विवरणों का मिलान करने में मदद करता है। यह प्रणाली समग्र कर आधार का विस्तार करते हुए कर चोरी की पहचान करने में सहायता करती है।

कैसे होगा फायदा?

सरकार के अनुसार, PAN 2.0 प्रोजेक्ट से न केवल टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। अलबत्‍ता, आयकर विभाग के कामकाज में भी तेजी और पारदर्शिता आएगी। यह प्रोजेक्ट डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को भी सुनिश्चित करेगा। सरकार को उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मददगार साबित होगा।

यह प्रोजेक्ट कई चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके तहत नए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की जाएगी। साथ ही, आयकर विभाग के कर्मचारियों को भी नए सिस्टम के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

क्या आपको नए पैन की जरूरत है?

नहीं, आपको नए पैन की जरूरत नहीं होगी। आपका मौजूदा पैन जारी रहेगा।

क्या नया अपग्रेडेशन मुफ्त होगा?

हां, क्यूआर कोड जोड़ने सहित सभी अपग्रेड फ्री प्रदान किए जाएंगे।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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